Wednesday 3 October 2018

जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। यह दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से ढाई गुना और मुंबई के हवाई अड्डे से चार गुना बड़ा होगा। यह बातें केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में प्राधिकरण की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि सेक्टर-14 ए चिल्ला रेगुलेटर से महामाया फ्लाईओवर तक एलिवेटेड रोड का काम शुरू कराने के लिए नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी प्रयासरत हैं।
मामले में एनओसी मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सेक्टर-94 में नोएडा हैबिटेट सेंटर के लिए प्राधिकरण ने 25 एकड़ जमीन दे दी है। इसमें एक बेहतर निर्माण की योजना है, जिससे नोएडा को पहचान मिलेगी। इसके अलावा नोएडा में पाक कला इंस्टीट्यूट बनकर तैयार है। वहीं, देश का पहला बॉटेनिक गार्डन में भी निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। यह सब कुछ नोएडा के विकास को दर्शाता है। इसमें नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का खासा सहयोग रहा।

उन्होंने कहा कि नोएडा को खुले में शौच से मुक्ति की स्वघोषणा की गई है, जिसे वर्षों तक याद रखा जाएगा। इस मामले में प्राधिकरण ने इतिहास लिखा है। उन्होंने कहा कि नोएडा के विकास के लिए बहुत कुछ हुआ। हालांकि कई बार हम चूके भी हैं। इसकी बड़ी वजह दीर्घकालिक योजनाओं का न होना है। कई बार अधिकारियों का तबादला और दूसरी कई बाधाएं आ जाती हैं।


उन्होंने कहा कि लोगों को फ्लैट मिलना शुरू हो गया है। जल्द ही जिले में चार लाख फ्लैटों में लोग आएंगे। इनके साथ अन्य लोग भी आएंगे। कुल मिलाकर 15 लाख लोगों की संख्या बढ़ेगी। इसका असर यातायात सहित कई अन्य सेक्टरों पर पड़ेगा। लिहाजा इससे निपटने के उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हर कोई अपने बराबर में कूड़ा घर नहीं चाहता। इसी तरह से सभी को संकल्प लेना होगा कि अपने बराबर में साफ-सफाई व्यवस्था बनाने में मदद करेंगे।        

उधर, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर में 50 हजार कारें एक साथ खड़ी हो सकेंगी। पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के आधार पर इतने वाहनों के लिए करीब 90 हजार वर्ग मीटर जगह तय की गई है। इन कारों के लिए ओपन पार्किंग बनाई जाएगी। जेवर एयरपोर्ट में आने वाले यात्रियों के वाहनों के लिए ओपन पार्किंग का इंतजाम किया जाएगा। एयरपोर्ट के पहले चरण में पार्किंग के लिए 48,491 वर्ग मीटर जमीन आरक्षित की जाएगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 39,584 वर्ग मीटर भूमि आरक्षित की जाएगी।

इसमें एक साथ 50 हजार कारें एक साथ खड़ी हो सकेंगी। पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी जारी करने के लिए जमा किए गए कागजात में भी इसकी जानकारी दी गई है। दरअसल, इस एयरपोर्ट से एनसीआर के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से यात्री निजी या कैब के जरिये एयरपोर्ट पहुंचेंगे। पार्किंग एरिया कम होने पर दिक्कत हो सकती है। 

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